तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा तू पंख है, मैं पखेरा
तेरी वजह से पहचान है तू ना तो कुछ ना हो मेरा
तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा
ज़रा-ज़रा सा मेरा हूँ मुझ में पूरा-पूरा हूँ तेरा
घुला-मिला सा चला जो तुझ में जाना जीना हो तेरा
ये हलकी मुस्काने तेरे लिए हैं जेबों में जो भर के लाया
ख़्वाबों की खिड़की कर दूँ मैं तिरछी दिल में आने दूँ तेरा साया
तू चाँद है, मैं अँधेरा तू पंख है, मैं पखेरा
तेरी वजह से पहचान है तू ना तो कुछ ना हो मेरा
ज़रा-ज़रा सा मेरा हूँ मुझ में पूरा-पूरा हूँ तेरा
घुला-मिला सा चला जो तुझ में जाना जीना हो तेरा
तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा
हमेशा ये लम्हे सीधे ही दिल से तारीफ़ें तेरी करते रहें तोहफ़े तुम्हारी अदाओं से मिल के पलकों के नीचे गुज़रते रहें
तू नूर है, मैं वो हीरा तू पंख है, मैं पखेरा
तेरी वजह से पहचान है तू ना तो कुछ ना हो मेरा
ओ, ज़रा-ज़रा सा मेरा हूँ मुझ में पूरा-पूरा हूँ तेरा
घुला-मिला सा चला जो तुझ में जाना जीना हो तेरा
तू सूफ़ी है, मैं फ़क़ीरा